by Spritual@we | अक्टूबर 23, 2023 | तीर्थ
प्रश्न- वृंदावन क्या है ?उत्तर- सतत प्रतीक्षा अपलक लोचन । जल्दी बुला लो मेरी स्वामिनी ।। वृन्दावन रसिकन रजधानी । जा रजधानी की ठकुरानी, महारानी राधा रानी ।। वृन्दावन, रसिकन रजधानी । जा रजधानी की ठकुरानी, महारानी राधा-रानी । जा रजधानी पनिहारिनि बनि, चारिहुँ मुक्ति भरति...
by Spritual@we | अक्टूबर 23, 2023 | पर्यावरण एवं अध्यात्म
आईये जानते हैं पर्यावरण के विषय में और समझते हैं कि किस प्रकार के पर्यावरण के विषय में हमारे शास्त्रों में निरूपण है । पर्यावरण : परि + आवरण अर्थात अपने आस-पास के वातावरण जहाँ हम निवास करते हैं या वह परिवेश जो जीवन को जीने में महत्वपूर्ण भूमिका निर्वहन करे l पर्यावास...
by Spritual@we | अक्टूबर 21, 2023 | भक्ति का प्रारूप
भक्ति का प्रारूप क्या है ? आजकल भक्ति का अर्थ और प्रारूप बिलकुल ही बदल गया है । चन्दन लगा लो, एक लोटा जल चढ़ा दो, अगरबत्ती से धुआँ कर दो, शनि को तेल चढ़ा दो, 4 माला जाप कर लो, घंटी बजा दो, तरह-तरह के चालीसा का पाठ कर लो, वैभव लक्ष्मी का व्रत कर लो, मंगलवार को प्रसाद चढ़ा...
by Spritual@we | अक्टूबर 21, 2023 | अध्यात्म के बारे में
दरिद्र कौन है ? अगर आपके जीवन में सब कुछ है, धन है, हर प्रकार के भोग, सुख-सुविधा तथा साधन हैं, लेकिन अध्यात्म नहीं है, तो आप दरिद्र हैं। ये आप संसार के जितने भोग-विलास या सुख के साधन देख रहे हैं, सब एक क्षण के अंदर समाप्त हो जायेंगे। और यह अध्यात्म की दरिद्रता समस्त...
by Spritual@we | अक्टूबर 19, 2023 | मन के बारे में
इस संसार में और संसार के किसी भी तत्व में न सुख है न दुःख है । सुख दुख सब मन द्वारा निवेशित है प्रत्येक तत्व में ।इसीलिए शंकराचार्य जी ने कहा सत्यं ब्रह्म जगत मिथ्या । मिथ्या का अर्थ लोग कुछ और ही कर देते हैं और फिर सिद्धान्त से भटक जाते हैं ।इस संसार में जो कुछ भी...