भज गोविंदं भज गोविंदं
गोविंदं भज मूढ़मते।

भज गोविंदं भज गोविंदं
गोविंदं भज मूढ़मते।
Path of Spirituality

Path of Spirituality

प्रश्न- आध्यात्मिकता क्या है ? ऐसा कौन सा मार्ग है जिसपर चलकर जीवन आनंदमय हो सकता है ? उत्तर– आध्यात्मिकता का अर्थ है आत्मा सम्बन्धी विषय को प्राप्त करना। जो आत्मिक आनंद से सम्बंधित तत्त्व है, उसे प्राप्त करना। चूँकि हम सब अज्ञान से मोहित होकर स्वयं को शरीर मान लेते...
Why Diya & Aarti

Why Diya & Aarti

दीपक जलाने का रहस्य, आरती का अर्थ:- पुराने समय में, मूर्ति को अँधेरे में रखा जाता था, जिसे गर्भ गृह कहते थे। ब्रह्म मुहूर्त में स्नान के बाद सूर्य निकलने से पहले लोग ध्यान के लिए मन्दिर जाते थे। रूप ध्यान करने के लिए मूर्ति की परिकल्पना की गई थी और आप तभी भगवान की...
Murti in Mandir

Murti in Mandir

प्रश्न:- क्या घर के मंदिर में भगवान की ज्यादा बड़ी प्रतिमा स्थापित नहीं करनी चाहिए ?उत्तर:-पहले के समय में घरों में मंदिरों का कोई विधान नहीं था। मन्दिर सदा एक ही स्थान पर बाहर रहते थे। आपने सुना होगा पुराणों इतिहासों में कि अमुक रानी या महारानी या राजकुमारी मन्दिर...
Joy Amidst Discontent

Joy Amidst Discontent

प्रश्न- सब सुख सुविधा होने पर भी हम दुखी क्यों हैं ? उत्तर- ज्यों ज्यों हम प्रकृति से दूर होते गये, त्यों त्यों अशांति, तरह तरह की व्याधियों के चपेट में आते गये l मन के साथ साथ तन भी अशांत होता चला गया lज्यों ज्यों आधुनिक होते गये त्यों त्यों हम प्रकृति की निश्चल ममता...
प्रारब्ध

प्रारब्ध

भगवान हमारे अनंत पुण्य व अनंत पापों में से थोड़ा-थोड़ा लेकर हमारे किसी एक जन्म का प्रारब्ध तैयार करते हैं और मानव जीवन के रूप में हमें एक अवसर देते हैं ताकि हम अपने आनंद प्राप्ति के परम चरम लक्ष्य को पा लें। प्रारब्ध सबको भोगना पड़ता है। भगवद् प्राप्ति के बाद जब कोई...